नमित भाई तुम हम कितना भी सोच लो, कुछ भी कर लो उस पल से बच पाना, असम्भाव हे, सुना हे ना होनी तो हो के रहे, अन्होनी ना होये. धन्यवाद सुन्दर विचार के लिये
छग मे तीसरे दल का उदय हो सकता है। यह दल सतनामी और आदिवासी समाज के लोगों का बनाया जा रहा है। इसके संकेत रविवार को आयोजित सभा में शिबू सोरेन व बालदास ने एक ही मंच में आकर दे दिया है। यदि राजनीति का यह स्टंट चला तो आगामी चुनाव में भूचाल हो सकता है।
5 comments:
kya hua mere dost
नमित भाई तुम हम कितना भी सोच लो, कुछ भी कर लो उस पल से बच पाना, असम्भाव हे, सुना हे ना होनी तो हो के रहे, अन्होनी ना होये.
धन्यवाद सुन्दर विचार के लिये
हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.
इसके अलावा भी बहुत कुछ है जिंदगी.
और ये अपना रास्ता स्वयं बना लेती है.
छग मे तीसरे दल का उदय हो सकता है। यह दल सतनामी और आदिवासी समाज के लोगों का बनाया जा रहा है। इसके संकेत रविवार को आयोजित सभा में शिबू सोरेन व बालदास ने एक ही मंच में आकर दे दिया है। यदि राजनीति का यह स्टंट चला तो आगामी चुनाव में भूचाल हो सकता है।
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